रांची: DAV कपिल देव (DAV Kapil Dev) स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा पर उसी स्कूल के नर्स ने दुष्कर्म के आरोप लगाए है।
पीड़िता परेशान होकर अरगोड़ा थाना पहुंची और FIR दर्ज कराया है। अपने FIR में आरोप लगाया है कि स्कूल के प्राचार्य का नजरिया शुरू से ही ठीक नहीं था।
अक्सर ब्लड प्रेशर जांच कराने के बहाने बुलाते थे और उसे गलत नियत से छूते थे। विरोध करने पर स्कूल से निकालने की धमकी दिया करते थे।
पीड़िता ने कहा कि वह गरीब परिवार से है। इसलिए वह उनके हरकतों को नजरअंदाज करती रही। लेकिन कुछ दिन पहले जबरदस्ती उसके कमरे में घुसकर उसके साथ गलत हरकत करने लगे।
एक दिन पीड़िता ने प्राचार्य की करतूत का वीडियो बना लिया। इसे सबूत के तौर पर पुलिस के समक्ष पेश किया गया है।
प्राचार्य के हरकत से संबंधित वीडियो ऑडियो क्लिप वह मैसेज भी पुलिस को दिया है। पुलिस मामले की जांच करने में जुट चुकी है।
पोर्न वीडियो भेजकर कहते थे संबंध बनाने का बनाते थे दबाव
पीड़िता के अनुसार प्रिंसिपल व्हाट्सएप के माध्यम से उसे पोर्न वीडियो भेजकर संबंध बनाने को कहते थे।
वीडियो भेजने के बाद वह उसे कहता था कि तुम वीडियो देखो संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाओगी। वह जब भी उनके कमरे में किसी काम से जाया करती थी।
तब उसे पकड़ कर उसके साथ छेड़छाड़ करते थे। आरोपित प्राचार्य एक दिन उसके कमरे में घुसकर उसके साथ जबरदस्ती करते हुए उसके कपड़े भी फाड़ दिए।
जब पीड़िता ने प्रिंसिपल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी। इस पर प्रिंसिपल ने कहां की उनका पुलिस विभाग में जान पहचान है वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
नौकरी परमानेंट करने का देते थे लालच
पीड़िता ने आवेदन में कहा है कि वह गरीब परिवार की है। ऐसे में उसके लिए नौकरी जरूरी थी। पीड़िता के अनुसार प्राचार्य से परमानेंट नौकरी दिलाने का भी लालच दिया करते थे।
साल 2020-2021 में डीएवी ग्रुप का एग्जाम होने वाला है। वह उसे प्रश्नपत्र पहले ही दे देगा। जिसकी वजह से वह पास हो जाएगी। उसकी नौकरी परमानेंट हो जाएगा। किसी भी कीमत पर वह पीड़िता को पाने की इच्छा रखते थे। आरोप है कि प्राचार्य ने ही डीएवी ग्रूप का पेपर्स भी लीक किया था।
फिर भी प्रिंसिपल अपनी हरकत से बाज नहीं आए
पीड़िता ने स्कूल के कुछ शिक्षकों के पास प्रिंसिपल के हरकतों को बताया जिसके बाद स्कूल के शिक्षकों ने प्रिंसिपल का विरोध किया लेकिन इसके बावजूद प्रिंसिपल अपनी हरकत से बाज नहीं आए।
इधर, प्रचार्य से संपर्क कर उनसे पक्ष लेने की कोशिश की गई, लेकिन नंबर बंद मिला। स्कूल प्रबंधन के अन्य लोगों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।