रामगढ़ : रांची-पटना फोरलेन NH-33 के रामगढ़ थाना क्षेत्र बाईपास के नजदीक निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास शनिवार को एक भीषण सड़क दुर्घटना हुई है।
इस घटना में एक बेकाबू ने एक ऑटो को अपनी चपेट में लेते हुए आगे चल रही टेलर के पीछे जोरदार टक्कर मार दिया, जिसमें दोनों गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए और अंतत: बेकाबू टेलर के खलासी की दर्दनाक मौत (Death) हो गई। हादसे के बाद NH-33 को वनवे किया गया, जिसके बाद सड़क पूरी तरह जाम हो गई।
निर्माणाधीन फ्लाईओवर तक चार गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त
घाटी से लेकर निर्माणाधीन फ्लाईओवर (Flyover) तक चार गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हुई हैं। रामगढ़ घाटी (Ramgarh Valley) से लेकर निर्माणाधीन फ्लाईओवर तक चार गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हुईं शनिवार को घाटी से लेकर निर्माणाधीन फ्लाईओवर तक चार गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हुई हैं।
पहली गाड़ी रामगढ़ के मोड़ पर दुर्घटनाग्रस्त हुई, जिसके परखच्चे उड़ गए हैं। हालांकि इस गाड़ी में ड्राइवर बाल-बाल बच गया।
दूसरी दुर्घटना निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास हुई, जिसमें अनियंत्रित ट्रेलर पहले एक ऑटो को अपनी चपेट में लिया।
उसके बाद ट्रक को पीछे से टक्कर मार कर टेलर (Tailor) में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, जिसके कारण दोनों गाड़ियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
इस दुर्घटना में अनियंत्रित ट्रेलर चालक और खलासी बुरी तरह केबिन में ही फंस गया था, जिसे निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
ड्राइवर को तो सकुशल बाहर निकाल लिया गया, लेकिन खलासी बुरी तरह गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे रांची (Ranchi) ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई।
हर दिन होती है दुर्घटना, रोकने को नहीं उठाए जा रहे कोई कदम
जब से रामगढ़ बाइपास (Ramgarh Bypass) के पास फ्लाईओवर और अंडर पास का काम शुरू हुआ है, तब से निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास एक के बाद एक न जाने कई दुर्घटनाएं हुई हैं। अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पास हो चुकी होगी।
बावजूद इसके घाटी से लेकर निर्माणाधीन फ्लाईओवर तक हो रही इन दुर्घटना को रोकने के लिए NHI और सड़क निर्माण कंपनी (Road Construction Company) की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, इससे लोग परेशान हो रहे हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि निर्माणाधीन फ्लाईओवर (flyover under construction) के अगल-बगल रहने वाले स्थानीय लोग (local people) भी इस बात को लेकर काफी डरे-सहमे से रहते हैं कि न जानें कब कौन सी गाड़ी उनके घर या उनकी दुकानों में घुस जाएगी, यह उन्हें भी नहीं पता है।