नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Plane) की खरीद के मामले में France की Media में हुए खुलासे को देखते हुए सौदे की नए सिरे से जांच करने की मांग करने वाली याचिका सोमवार को ख़ारिज कर दी।
चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता और वकील मनोहर लाल शर्मा को याचिका वापस लेने की अनुमति भी दे दी।
दरअसल, फ्रांस की Website Media पार्ट ने खुलासा किया था कि इस मामले में एक भारतीय बिचौलिये को रिश्वत दी गई। इसी को आधार बनाकर वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 14 दिसंबर, 2018 को Rafale Deal के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि रक्षा के मामलों की न्यायिक समीक्षा के लिए कोई यूनिफॉर्म मापदंड नहीं है। Rafale Deal की प्रक्रिया को लेकर कभी भी संदेह नहीं किया गया।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा
फैसला सुनाते हुए तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि कुछ लोगों की धारणा के आधार पर Court कोई आदेश नहीं दे सकता।
कोर्ट ने कहा था कि कीमत की समीक्षा करना कोर्ट का काम नहीं है जबकि Aircraft की ज़रूरत को लेकर कोई संदेह नहीं। कोर्ट ने फ़ैसले में Offset Partner चुनने पर कहा था कि उसे किसी का फ़ेवर करने के सबूत नहीं मिले।