रांची: राष्ट्रपति चुनाव में राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) चार जुलाई को झारखंड आएंगी। उनके झारखंड आगमन की खबर मिलते ही प्रदेश भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है।
24 जून को राष्ट्रपति पद का नामांकन करने के बाद द्रौपदी मुर्मू पहली बार झारखंड (Jharkhand) आ रही हैं। इनका झारखंड से गहरा नाता रहा है।
द्रौपदी मुर्मू मई 2015 में राज्य की 9वीं राज्यपाल बनी थीं। उन्होंने पूर्व राज्यपाल सैयद अहमद की जगह ली थी। झारखंड में पहली महिला राज्यपाल (lady governor) बनने का गौरव इन्हें प्राप्त है। साथ ही भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी महिला भी हैं।
झारखंड में राज्यपाल के रूप में छह वर्ष एक माह 18 दिन का रहा कार्यकाल
18 मई, 2015 को झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनी द्रौपदी मुर्मू छह जुलाई, 2021 तक राज्य की राज्यपाल रही। इनका कार्यकाल छह वर्ष एक माह 18 दिन का रहा।
हालांकि, उनका कार्यकाल 18 मई, 2022 को पूरा हुआ था लेकिन कोरोना के कारण राष्ट्रपति द्वारा नयी नियुक्ति नहीं किये जाने से इनके कार्यकाल का स्वत: विस्तार हो गया। इस तरह से इनका कार्यकाल छह वर्ष एक माह 18 दिन का रहा।
झारखंड में एनडीए का पलड़ा भारी
राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) को लेकर वोटों की बात करें तो झारखंड में राजग का पलड़ा भारी है। राज्य में भाजपा के 26 विधायक और लोकसभा, राज्यसभा और आजसू के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को मिलाकर कुल 16 सांसद है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 30 विधायक और लोकसभा एवं राज्यसभा में दो सांसद हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस के राज्य में 17 विधायक और लोकसभा एवं राज्यसभा में दो सांसद हैं। झारखंड में 81 विधायक और 20 सांसद (लोकसभा में 14 और राज्यसभा में छह सांसद) को मिलाकर कुल 28,256 वोट है।
इसमें NDA के पास 15,776 वोट है, जबकि झामुमो और कांग्रेस को मिलाकर कुल 11,072 वोट है। झारखंड में एक विधायक के वोट का मूल्य 176 है। देशभर में एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है।