जयपुर: राजस्थान में राज्यसभा (Rajya Sabha) की चार सीटों पर पांच प्रत्याशियों के लिए गुरुवार की रात अहम होगी। शुक्रवार को इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। शुक्रवार की सुबह नौ से शाम चार बजे तक मतदान होगा।
पांच बजे मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इससे पहले आज रात तक दोनों ही दल (भाजपा-कांग्रेस) प्रत्याशियों के लिए अपने विधायकों के प्रथम और अन्य वरीयता के वोट तय कर लेंगे।
राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस ने अपने विधायकों को बाड़ाबंदी में रखा है। यहीं पर दोनों दल आज तय करेंगे कि अपने किस प्रत्याशी को कौन सा विधायक पहले और दूसरी वरीयता का वोट देगा।
भाजपा 41 विधायकों के नाम तय करेगी जो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को प्रथम वरीयता के 41 वोट देंगे। बचे 30 विधायक कौन से होंगे जो भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को वोट देंगे। यह भी आज रात तक तय होगा।
कांग्रेस ने इस चुनाव में चार में से तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। हर प्रत्याशी की जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए और कांग्रेस के पास स्वयं के विधायकों की संख्या 108 है, जिनमें बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक भी मौजूद हैं।
आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग भी सरकार में मंत्री
आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग भी सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में कांग्रेस के अपने खुद के 109 वोट माने जाएंगे। अब इनमें से ही कांग्रेस को तय करना है कि शुरुआत के 41-41 अपने कांग्रेस विधायकों के वोट किन दो प्रत्याशियों को डलवाए और बचे हुए 27 अपने वोट और अन्य निर्दलीय व छोटे दलों के समर्थन में लिए गए विधायकों के वोट किस प्रत्याशी को डलवाए।
इसका खुलासा संभवत: मतदान के दौरान ही होगा।राज्यसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (Indian Tribal Party) ने मतदान नहीं करने का निर्णय किया है। राजस्थान में बीटीपी के दो विधायक हैं लेकिन जिस तरह इन विधायकों ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
असके बाद इन विधायकों के रुख पर सबकी नजरें टिकी है क्योंकि इन चुनावों में व्हिप लागू नहीं होता। पार्टी स्तर पर व्हिप का उल्लंघन करने पर भी विधायकों द्वारा दिया गया वोट खारिज नहीं हो सकता यानी विधायक पार्टी की ओर से अधिकृत एजेंट को वोट दिखाकर देते हैं तो उनका वोट खारिज नहीं होगा।
फिर चाहे ये विधायक पार्टी के निर्णय के खिलाफ ही किसी अन्य प्रत्याशी को ही वोट क्यों न दे दें। इन चुनावों में कांग्रेस माकपा विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है लेकिन माकपा ने अब तक पार्टी स्तर पर इसका निर्णय नहीं सुनाया है।
माकपा के भी राजस्थान में दो विधायक हैं।राज्यसभा चुनाव के लिए शुक्रवार की सुबह 9 बजे मतदान शुरू हो जाएगा, जो शाम 4 बजे तक चलेगा। संभवत: इस दौरान भाजपा और कांग्रेस तथा अन्य विधायक बाड़ाबंदी स्थल से बसों में सवार होकर मतदान स्थल तक पहुंचेंगे।
रणनीति यह भी है कि भाजपा अपनी पहली बस में 39 विधायकों को मतदान स्थल पर भेजेगी जिन्हें अधिकृत प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी के पक्ष में प्रथम वरीयता के वोट डालने है, उसके बाद निर्दलीय भाजपा समर्थित प्रत्याशी डॉ. सुभाष चंद्रा के समर्थन में वोट डालने वाले अन्य विधायकों को बस में भेजा जाएगा।
बस में पार्टी से जुड़े बड़े पदाधिकारी मौजूद रहेंगे
हर बस में पार्टी से जुड़े बड़े पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। बस बाड़ाबंदी स्थल से रवाना होकर सीधे विधानसभा में बने मतदान स्थल पर पहुंचेगी, जहां विधायकों को बस से उतरने की अनुमति रहेगी।
राजस्थान में 13 विधायक निर्दलीय हैं। राज्यसभा चुनाव में इन निर्दलीय विधायकों पर वोट दिखाकर देने का नियम लागू नहीं होता क्योंकि यह विधायक किसी पार्टी से संबंधित नहीं है।
ऐसे में यह विधायक गोपनीयता का ध्यान रखते हुए अपना वोट बिना किसी को दिखाए दे सकते हैं लेकिन अन्य किसी को वोट दिखाया तो इनका वोट खारिज हो सकता है। राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं।
चुनाव में 200 विधायक अपने मताधिकार (Suffrage) का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें कांग्रेस के खुद के 108 विधायक हैं जबकि आरएलडी के एक विधायक डॉ. सुभाष गर्ग सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कांग्रेस के 109 विधायक हुए।
वहीं भाजपा के 71 विधायक, आरएलपी के 3, बीटीपी के 2, माकपा के 2 और 13 निर्दलीय विधायक हैं। राज्यसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए।
कांग्रेस ने तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। इनमें रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवाड़ी शामिल हैं जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी के रूप में एक और डॉ. सुभाष चंद्रा के रूप में भाजपा निर्दलीय समर्थित उम्मीदवार मैदान में उतारा है।