नई दिल्ली: दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन से कोरोना वायसर (Corona Virus) के रूप में शुरू हुई विश्वव्यापी महामारी ने सभी परेशानियों को बढ़ा रखा है।
आज भी स्थिति यह है कि कोरोना महामारी का खत्मा नहीं हो सका। दुनियाभर में कोरोना के रोज मामले मिल भी रहे हैं।
खासकर जहां से इस वायरस की उत्पत्ति हुई उस चीन में आज भी मरीजों की संख्या सैकड़ों में मिल रही है।
हालांकि महामारी से बचाने के लिए हर देश ने तेजी से टीका भी बना लिया है। बहुत से देशों में काफी संख्या में लोगों दो तो कहीं तीन डोज लगाई जा चुकी है।
बावजूद इसके तीन और बीमारियों ने दस्तक देकर दुनिया को परेशानी में डाल दिया है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोगों के लिए चेतावनी भी जारी कर दी है।
ये तीन नई बीमारियां ‘मंकीपॉक्स’ (Monkeypox), ‘हेपेटाइटिस’ (Hepatitis)और ‘टोमैटो फ्लू’ (Tomato Flue) हैं। जो दुनिया के कई देशों में पहुंच चुकी हैं। इन तीनों बीमारियों को कोरोना वायरस की तरह खतरनाक बताया जा रहा है।
छोटे बच्चों की पाचन तंत्र को खराब करता है टोमैटो फ्लू
टोमैटो फ्लू को टोमैटो फीवर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल बुखार है। यह 5 साल से कम उम्र के बच्चों को शिकार बना रहा है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, बच्चे जब इससे संक्रमित हो जाते हैं, तो उनके शरीर पर टमाटर जैसे लाल रंग के दाने उभर आते हैं।
इसलिए इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू रखा गया है। इन दानों में खुजली होती है, जिसे खुजलाने से इनमें जलन होती है। संक्रमित बच्चे को तेज बुखार भी आता है।
इसके अलावा संक्रमित बच्चे के शरीर और जोड़ो में दर्द की शिकायत भी रहती है। ये वायरस अपने इंफेक्शन से बच्चों की पाचन शक्ति को खराब कर देता है।
केरल के कोल्लम में पांच साल से कम उम्र के बच्चे ‘टोमैटो फ्लू’ के शिकार हो रहे हैं। कोल्लम में 80 से भी ज्यादा मामले आए हैं। खबर है कि प्राइवेट अस्पतालों में इनकी संख्या और ज्यादा हो सकती है।
मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में मिला
मंकीपॉक्स पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के क्षेत्रों में होता है।
कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ जूनोसिस (Zoonosis) बीमारी है। इसका मतलब ये है कि यह एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है।
हेपेटाइटिस
पिछले कुछ दिनों से बच्चों में अनएक्सप्लेंड एक्यूट हेपेटाइटिस के मामले दिखाई दे रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी सहित तमाम प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है।
दुनिया भर के देशों में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। बच्चों को एक्यूट हेपेटाइटिस तभी होता है जब उनके लिवर में सूजन होती है, सूजन की वजह से खून में लिवर एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है।
बहरहाल, कोरोना के साथ अब दुनियाभर में लोगों को और सचेत रहने की जरूरत है। क्योंकि जरा सी लापरवाही से महामारी विकराल रूप ले लेगी।
और यदि तीन बीमारियों ने एक साथ हमला किया तो लोगों को बचा पाना भी मुश्किल हो जाएगा।