रामगढ़: झारखंड सरकार सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर में आमूलचूल परिवर्तन लाना चाहती है लेकिन यह तभी संभव है जब शिक्षा विभाग (Education Department) के अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा पंचायत स्तर के प्रतिनिधि सजग होंगे।
उनकी सहभागिता से ही गरीब के घरों में शिक्षा के दीप जलाए जा सकते हैं।
यह बातें गुरुवार को टाउन हॉल में झारखंड शिक्षा परियोजना (Jharkhand Education Project) के तहत आयोजित जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन में DC Madhavi Mishra ने कही।
विद्यालय के सुचारू रूप से संचालन के लिए जो भी कदम उठाए जाने हैं उसके लिए कार्य करें
सम्मेलन के दौरान उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से कई बार ऐसी सूचनाएं सामने आती है कि विद्यालय की मूलभूत संरचना ठीक नहीं है।
आप सभी से अपील है कि नियमित रूप से अपने क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ बैठक करें। विद्यालय (School) के सुचारू रूप से संचालन के लिए जो भी कदम उठाए जाने हैं उसके लिए कार्य करें।
उपायुक्त ने कहा कि सिर्फ विद्यालय ही नहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों सहित कई अन्य सार्वजनिक स्थल भी हैं जिनके माध्यम से आप गांव का विकास कर सकते हैं।
प्रशासन द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारियों से भरी एक पुस्तिका भी उपलब्ध कराई गई ताकि उन्हें गांव में काम करने में दिक्कत ना हो।
उपायुक्त ने सभी जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्रों कार्य कर रहे राशन डीलरों द्वारा किसी भी प्रकार की अनियमितता की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित इससे प्रखंड स्तर पर मार्केटिंग पदाधिकारी को अवगत कराने का निर्देश दिया।
साथ ही वैसे राशन कार्ड धारी जो अयोग्य होने के बावजूद राशन कार्ड का लाभ ले रहे हैं को स्वेच्छा से राशन कार्ड सरेंडर (Ration Card Surrender) करने के प्रति भी जागरूक करने की अपील की।
उपायुक्त ने कहा कि अगर अयोग्य राशन कार्ड धारी स्वेच्छा से राशन कार्ड सरेंडर नहीं करेंगे तो जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मोनीदीपा बनर्जी ने पीपीटी प्रेजेंटेशन (PPT Presentation) के माध्यम से सम्मेलन में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न प्रावधानों, नई शिक्षा नीति को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों, जनप्रतिनिधियों की नई शिक्षा नीति में सहभागिता, विद्यालय विकास योजना के निर्माण में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
जिला शिक्षा पदाधिकारी कुमारी नीलम (District Education Officer Kumari Neelam) के द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों से यह अपील की गई कि सरकारी विद्यालयों में ड्रॉपआउट की समस्या को दूर करने में सहयोग करें।
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के जिला समन्वयक Dr. विपुल सुमन एवं यूनिसेफ के सहयोगी संस्था से निर्भय कुमार ने सभी जनप्रतिनिधियों को 15 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलाए जा रहे स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम की जानकारी दी।