रांची: रामगढ़ विधायक ममता देवी (Ramgarh MLA Mamta Devi) की विधायकी अब समाप्त कर दी गयी है।
इस संबंध में सोमवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो (Assembly Speaker Rabindra Nath Mahato) ने आदेश जारी कर दिया है। ममता देवी की अयोग्यता के आदेश की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गयी।
ममता देवी को कोर्ट ने सुनायी थी पांच साल के कठोर कारावास की सजा
बता दें कि ममता देवी को हजारीबाग कोर्ट ने 13 दिसंबर को फायरिंग के एक मामले में दोषी पाते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी थी।
इसके कारण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गयी है। अब रामगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गयी है। अब भारत चुनाव आयोग छह महीने के अंदर झारखडं में उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करेगा।
ममता देवी Congress के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजा की अवधि खत्म होने के छह साल की अवधि तक वह कोई भी चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं रहेंगी।
रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए कोई भी चुनाव लड़ने के योग्य नहीं माना जायेगा
कानून के मुताबिक, अगर किसी जनप्रतिनिधि को कम से कम दो साल के कारावास की सजा सुनायी जाती है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जायेगी।
कानून के मुताबिक, ऐसा जनप्रतिनिधि अपनी रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए कोई भी चुनाव लड़ने के योग्य नहीं माना जायेगा।
हजारीबाग विशेष अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 पवन कुमार के कोर्ट ने स्थानीय नेता राजीव जायसवाल के साथ अंतर्देशीय बिजली संयंत्र फायरिंग मामले में ममता देवी को दोषी ठहराया था। उन्हें आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 332, 326 और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया था।
झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी
गौरतलब है कि साल 2016 के अगस्त में गोला में पावर प्लांट कंपनी (Power Plant Company) के मुख्य गेट पर पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी।
तत्कालीन बीडीओ दिनेश प्रसाद सूरी की शिकायत पर ममता देवी और जायसवाल सहित अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
ममता देवी वह दूसरी विधायक हैं, जिन्हें आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद झारखंड विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा है। इसी साल अप्रैल में मांडर विधायक बंधु तिर्की को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
CBI कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार के मामले (Corruption Case) में तीन साल के सश्रम कारावास और तीन लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी थी।