पटना: जातीय गणना (Ethnic Enumeration) पर रोक लगाने के लिए पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में एक याचिका दायर की गई है। इस मामले पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। फैसले को सुरक्षित रखा गया है। इस मामले में गुरुवार को फैसला आएगा।
बहस के दौरान हाई कोर्ट (High Court) ने सरकार से पूछा कि इस गणना का उद्देश्य क्या है? क्या इसे लेकर कोई कानून भी बनाया गया है? ये गणना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है या नहीं।
इस पर महाधिवक्ता PK Shahi ने जवाब दिया कि सरकार सभी बातों का ध्यान रखकर इसे करवा रही है। इस गणना से सरकार को गरीबों के लिए नीतियां बनाने में आसानी होगी। यह मामला एक मई पटना हाई कोर्ट पहुंचा था। दो दिन से लगातार सुनवाई हुई है।
पटना हाई कोर्ट में सुनवाई करने का आदेश दिया
उल्लेखनीय है कि जातीय गणना (Ethnic Enumeration) पर रोक लगाने की मांग को लेकर 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि जनगणना केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है।
बिहार सरकार (Government of Bihar) की ओर से गणना असंवैधानिक है। वहीं, शीर्ष अदालत ने मामला बिहार से जुड़ा होने के कारण पटना हाई कोर्ट में सुनवाई करने का आदेश दिया था।
राज्य सरकार का कहना है कि जातीय गणना एक ऐसा Survey है, जिसके जरिए सरकार लाभार्थियों की सही संख्या निकालते हुए उस हिसाब से नीतिगत फैसले ले सकेगी।
15 मई तक इसे पूरा करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी
इस सर्वे के जरिए तैयार Record के आधार पर योजनाओं और सुविधाओं को राज्य के हर आदमी तक पहुंचाने की योजना है।
बिहार में बीते सात जनवरी से जातीय गणना शुरू हुई है। 15 अप्रैल से इसके दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। 15 मई तक इसे पूरा करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अगर कोर्ट (Court) इस पर रोक लगाती है तो गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।