नई दिल्ली: शरद पवार (Sharad Pawar) ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा (Resignation) वापस ले लिया है। पार्टी नेताओं की गुजारिश के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। खबर है कि शरद पवार ने इस्तीफा जरूर वापस ले लिया है, लेकिन पार्टी में कुछ बदलाव भी होंगे।
मंगलवार को उन्होंने पद छोड़ने की बात कही थी, जिसके बाद तमाम नेता (Leader) भावुक हो गए थे और उनसे अपील की थी कि वे फैसले पर दोबारा विचार करें।
NCP के सीनियर नेताओं ने भी ऐसा प्रस्ताव पारित किया
इसके बाद उन्होंने दो से तीन दिनों का वक्त मांगा था। शरद पवार ने इसके बाद कई बार वरिष्ठ नेताओं के साथ Meeting की थी। गुरुवार को भी एक मीटिंग हुई थी और एनसीपी की कोर कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित कर शरद पवार से अपील की थी कि वे ही अध्यक्ष बने रहें।
शरद पवार ने इस्तीफा वापस लेने की जानकारी देते हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं आपकी भावनाओं का अनादर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मैं आपके प्यार के चलते इस्तीफे को वापस लेने की गुजारिश को मान रहा हूं।
NCP के सीनियर नेताओं (Senior Leaders) ने भी ऐसा प्रस्ताव पारित किया था। इसलिए NCP अध्यक्ष का पद छोड़ने के अपने फैसले को मैं वापस लेता हूं। मंगलवार को ही अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान करके सबको चौंका दिया था।
कई नेता भावुक हो गए
पवार ने कहा था कि अब नई पीढ़ी को मौका देने की जरूरत है। मेरा 6 दशक से ज्यादा का करियर हो चुका है और अब मैं अध्यक्ष नहीं रहना चाहता।
उनके इस ऐलान ने सभी को चौंका दिया था और फिर कार्यक्रम के तुरंत बाद लोग वहीं बैठ गए थे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) समेत कई नेता भावुक हो गए थे।
सभी लोग एकजुट हैं और उन्होंने इस बारे में बात की
जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने तो रोते हुए कहा था कि आपकी वजह से ही हम नेता हैं। यदि आप ही अध्यक्ष नहीं रहेंगे तो फिर हम क्या करेंगे। उनके इस फैसले के विरोध में जितेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा ठाणे Unit के भी कई पदाधिकारियों ने अपने पद छोड़ दिए थे।
इस्तीफा वापसी के ऐलान के दौरान अजित पवार के बारे में भी पूछा गया। इस पर शरद पवार ने कहा कि अन्य लोग यहां हैं। कोर कमेटी ने यह फैसला लिया था।
इसके बाद मैंने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए इस्तीफा (Resignation) वापस लेने का फैसला लिया। सभी लोग एकजुट हैं और उन्होंने इस बारे में बात की। कमेटी में पार्टी के तमाम सीनियर नेताओं को शामिल किया गया था, जिन्होंने यह फैसला लिया।