नई दिल्ली : बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Census) ने तमाम सियासी समीकरण (Political equation) बिगाड़ दिए हैं। सभी दलों को अब नए सिरे से अपनी सियासी गोटियां बिठाने की कवायद करना पड़ रही है।
खासतौर से भारतीय जनता पाटी जैसे बड़े दल को बड़ी रणनीति पर विचार करना पड़ेगा। बिहार में नीतीश और लालू (Nitish and Lalu) के फेंके इस दांव की काट ढूंढना अब भाजपा के लिए बेहद जरुरी है।
यही कारण है भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा पटना पहुंच रहे हैं और यहां तमाम नेताओं के साथ विचार विमर्श कर बिहार की नब्ज टटोलने का प्रयास करेंगे।
इसके अलावा संभावना जताई जा रही है कि बिहार की आरजेडी और जेडीयू की गठबंधन वाली सरकार ने ओबीसी पर कितना प्रभाव डाला है,इस पर भी विचार किया जाएगा।
कुल मिलाकर सियासी गलियों में चचा इसी बात पर है कि जातिगत गणना के इस चक्रव्यूह से निकलने और विरोधियों को इसमें फंसाने के सियासी दांवपेंच शुरु हो गए है।
राजनीति से जुड़े सूत्रों की माने तो JDU से कई सिटिंग सांसदों के भाजपा में शामिल होने की बातचीत लगभग अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। वहीं पार्टी अपने कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सहित कुछ दिग्ग्गज सांसदों की सीट पर भी बदलाव करने का मूड बना रही है।
ऐसे में चचा हो रही है कि बिहार में ओबीसीका बड़ा वर्ग है करीब 63 प्रतिशत पिछड़े वोटर हैं ऐसे में भाजपा चाहेगी कि हर हाल में ओबीसी को अपने पाले में रखा जाए। इसके लिए कई ओबीसी के बड़े नेताओं से चचा हो रही है।
आने वाले समय में ये नेता भाजपा का दामन थामकर ओबीसी का वोट बैंक मजबूत करने में जुट सकते हैं। नड्डा गुरुवार को बिहार के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान पटना के बापू सभागार में बिहार भाजपा के भीष्म पितामह माने जाने वाले कैलाशपति मिश्र की 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेंगे और कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
भाजपा नेताओं के साथ बनाएंगे रणनीति
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी लालू यादव द्वारा राज्य में कराए गए जाति सर्वे के दांव से भाजपा राज्य में कैसे निपटेगी, इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पटना में बिहार भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों, विधायकों और बिहार भाजपा कोर कमेटी के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगे।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा आज शाम को 4 बजे पटना स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच कर सबसे पहले प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद वे भाजपा विधायक दल के साथ संवाद करेंगे और फिर बिहार भाजपा कोर कमेटी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
2024 में होने वाले आगामी लोक सभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा को बिहार में अभी कई मोर्चों पर फैसला करना है। गठबंधन के सहयोगियों को लेकर भाजपा मोटे तौर पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला तो तैयार कर चुकी है लेकिन उसे अभी भी कुछ दलों के एनडीए में फिर से शामिल होने की उम्मीद है।
ओबीसी को सौगात
आने वाले चुनाव में हो सकता है कि भाजपा OBC को रिझाने के लिए अपने घोषणा पत्र में लोकलुभावनी घोषणा (Populist Declaration) करे। ये भी माना जा रहा है कि भारतीय जनता पाटी के दिग्गज नेता लगातार बिहार और ओबीसी वोट बैंक पर नजर बनाए हुए है।
उन्हे कैसे अपने पाले में लिया जाए इसके लिए लगातार Feedback लिया जा रहा है। हालांकि ये भी सच है कि OBC का बड़ा धड़ा भाजपा के साथ है,लेकिन कहीं विपक्ष इन्हे अपने पाले में न कर ले इसको लेकर भाजपा फूंक फूंककर कदम रख रही है।