रांची: कानून व्यवस्था (Law and order) की ढिलाई कहें या फिर झारखंड में अपराधियों, बदमाशों, अपहरणकर्ताओं का बढ़ा हुआ मनोबल कोई भी व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता है।
हाल ही में सदर थाना क्षेत्र से अपहृत की गई दो साल की बच्ची का अब पुलिस प्रशासन (Police Administration) पता नहीं लगा पाया है। हालात ऐसे हैं कि पुलिस अब अपहृत बच्ची (Kidnapped girl) के परिजनों को साथ-साथ लेकर छानबीन कर रही है।
हालांकि इस तरह की घटना को राज्य और विशेषकर राजधानी में कानून की लचर व्यवस्था ही कहेंगे। पुलिस की टीम ने गुरुवार को बूटी मोड़ और कांटाटोली चौक के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरा (CCTV Camera) से फुटेज खंगाला।
लेकिन पुलिस को अगवा हुई बच्ची का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इसी बीच पुलिस की एक टीम बच्ची के नाना और नानी को लेकर बूटी मोड़ के रास्ते में लेकर खोजबीन की।
एक महिला पर बच्ची के अपहरण का शक
पुलिस को पता चला है कि जिस महिला पर बच्ची के अगवा करने का आरोप है, दरअसल महिला प्रतिदिन हजारीबाग रोड (Hazaribagh Road) स्थित होटल में आती थी। खाना खाने के साथ वह बच्ची के नाना व नानी के साथ शराब का भी सेवन किया करते थे।
बीते बुधवार की सुबह भी बच्ची के नानी व नानी होटल में ही सो गए थे। उस वक्त आरोपी महिला भी Hotel में मौजूद थी। हालांकि परिजनो को उस महिला का नाम व पता की जानकारी नहीं है।
नाना-नानी के पास छोड़कर गई थी मां
गौरतलब हो कि बीते बुधवार की सुबह दो साल की बच्ची मोमो को उसकी मां नाना-नानी के पास काम करने के लिए छोड़कर गयी थी।
इसी दौरान बच्ची को एक महिला ने अगवा कर लिया। मामले में बच्ची की मां तारा देवी ने सदर थाने (Sadar Thane) में प्राथमिकी दर्ज करायी है। बहरहाल, बच्ची के इस तरह से गायब होने से जाने लोगों में पुलिस की कार्यशैली के प्रति सवाल उठ रहे हैं।