Train Rules : ट्रेनों (Trains) में भारत की ज्यादातर जनता सफ़र करती है। इसका एक कारण ये है की ट्रेन का सफ़र (Train Ride) किफायती होता है। ऐसे में अब ट्रेन में नए नियम (Train Rules) लागू हुए हैं।
बता दें कि ट्रेन के छूटने के दस मिनट के अंदर अपने सीट/बर्थ पर नहीं पहुंचे तो बिना टिकट हो जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने टिकट चेकिंग स्टाफ के हैंड हेल्ड टर्मिनल (Hand Held Terminal of Ticket Checking Staff) में नान टर्नअप फीड करने का समय निर्धारित कर दिया है।
यात्री के नान टर्नअप होते ही वेटिंग और रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन टिकट HHT में अपने आप कन्फर्म हो जाएंगे। इसके बाद पहुंचे यात्रियों की कोई सुनवाई नहीं हो पाएगी।
क्या है नई व्यवस्था?
नई व्यवस्था के अंतर्गत ट्रेन के छूटने के बाद टिकट जांच के समय आरक्षण टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी सीट/बर्थ पर उपस्थित होना अनिवार्य हो गया है।
इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन (IRTCSO) के संरक्षक टीएन पांडेय (TN Pandey) के अनुसार यात्री को जिस स्टेशन से यात्रा करनी है, उस स्टेशन पर ही ट्रेन में चढ़ना होगा।
बोर्डिंग स्टेशन पर ही यात्री को खोजा जाएगा। नहीं मिलने पर अनुपस्थिति दर्ज कर सीट/बर्थ आरएसी या वेटिंग टिकट (RAC or Waiting List Ticket) के यात्री को आवंटित कर दिया जाएगा। टिकट चेकिंग का कार्य डिजिटल होने से यात्री के एक बार उपस्थित या अनुपस्थित दर्ज कर देने के बाद उसे बदला नही जा सकता।
इससे पहले क्या थी व्यवस्था
अभी तक मैनुअल टिकट जांच (Manual Ticket Checking) के दौरान TTE सीट/बर्थ पर एक से दो स्टेशन तक यात्री की प्रतीक्षा कर लेते हैं। एक स्टेशन के बाद सीट/बर्थ पर पहुंचने पर भी यात्री को उपस्थित मान लेते हैं।
यात्री के पहुंचने के बाद TTE आरक्षण चार्ट (TTE Reservation Chart) को दुरुस्त कर देते हैं। सहूलियत का फायदा उठाते हुए यात्री भी यात्रा शुरू करने वाले स्टेशन से आगे अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेन पकड़ लेते हैं। अपनी सीट/बर्थ की बजाय दूसरे कोच में कहीं बैठे रह जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
पूरी व्यवस्था पेपरलेस हो गई है
पूर्वोत्तर रेलवे में 18 जुलाई, 2022 को मौर्य एक्सप्रेस (Maurya Express) में HHT की शुरुआत हुई। अब सभी टिकट चेकिंग स्टाफ आरक्षण चार्ट और एक्सेस फेयर टिकट (Reservation Chart and Access Fare Ticket) की जगह HHT लेकर चलने लगे हैं। पूरी व्यवस्था पेपरलेस हो गई है। न सिर्फ कार्यप्रणाली सरल और आसान हुई है, बल्कि यात्रियों को भी सहूलियतें मिलने लगी हैं।
यात्रियों को TTE के पीछे नहीं भागना पड़ रहा। टिकट, बर्थ और पैसे (Ticket, Berth and Money) को लेकर होने वाले किचकिच समाप्त होने लगी है। व्यवस्था पारदर्शी होने से फर्जीवाड़ा पर भी अंकुश लग रहा है।
एम-टू-एम सिम का इंट्रोडक्शन
रेलवे बोर्ड ने NHT से फोर जी सिमकार्ड वापस लेने का निर्णय लिया है। फोर जी सिमकार्ड की जगह मशीन टू मशीन सिमकार्ड (Machine to Machine Simcard) लगाए जाएंगे, जिनमें रेलवे से संबंधित सिर्फ चार Websites ही खुलेंगी।
सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (Center for Railway Information System) ने पूर्वोत्तर रेलवे में लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के टिकट चेकिंग स्टाफ को नए 1339 नए एम-टू-एम सिमकार्ड देने का प्रस्ताव तैयार किया है।