दुमका: जिले में लगातार बढ़ती जा रही घटनाओं को लेकर यहां पुलिस के आला अधिकारियों (Officials) ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों (Subordinate Employees) पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
थाना से पुलिसवालों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा रहा है। इसी तरह की कार्रवाई करते हुए दुमका के विश्वविद्यालय ओपी के थाना प्रभारी सुजीत उरांव को पद से हटा दिया गया है।
उन पर यह कार्रवाई (Action) इसलिए की गई कि यहां पर काम को सही तरीके से निष्पादित (Execution) नहीं किया जा रहा था। पुलिस अवर निरीक्षक सुजीत उरांव का तबादला हंसडीहा कर दिया गया है।
दुमका के पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने यह कार्रवाई करते हुए सुजीत की जगह जरमुंडी के पुलिस अवर निरीक्षक आकृष्ट अमन को विश्वविद्यालय ओपी का नया थाना प्रभारी बनाया है।
पुलिस अधीक्षक ने बतादले का मुख्य कारण ये बताया
SP ने बताया कि यहां कार्यों का निष्पादन सही तरीके से नहीं हो रहा था, इसलिए थाना प्रभारी को बदला गया है। बता दें कि विवि ओपी क्षेत्र के श्रीअमड़ा में दो सितंबर को 14 वर्षीया आदिवासी लड़की (Tribal Girl) का शव (Dead body) पेड़ से लटका मिला था।
छानबीन में बात सामने आई थी कि राजमिस्त्री अरमान अंसारी ने किशोरी का यौन शोषण (Sexual Exploitation) किया था। जब वह गर्भवती (Pregnant) हो गई तो उसकी हत्या (Murder) कर शव पेड़ से लटका दिया गया।
इस मामले में विवि ओपी में अरमान अंसारी के विरुद्ध रेप और हत्या (Rape and Murder) के आरोप में प्राथमिकी दर्ज (FIR) की गई है।
अरमान की मां को हिरासत में नहीं ले सके, इसलिए हटना पड़ा!
रेप और हत्या के बाद आदिवासी लड़की का शव पेड़ से लटकाने के मामले के आरोपी अरमान अंसारी की गिरफ्तारी (Arresting) हो गई है। अरमान श्रीअमड़ा गांव में अपनी मां के साथ रहता था।
अरमान की मां महरुन खातून उर्फ महरुन बीवी आदिवासी लड़की के साथ अरमान की शादी (Marriage) नहीं होने देना चाहती थी। इस मामले में पुलिस को उसकी मां की भी संलिप्तता (Involvement ) का संदेह है।
पुलिस ने अब तक पूछताछ तक नहीं की
पुलिस ने अबतक उससे पूछताछ (Inquiry) नहीं की। अब वह फरार हो गई है। संताल परगना के DIG सुदर्शन प्रसाद मंडल ने पुलिस पदाधिकारियों (Police Officers) को हर हाल में अरमान अंसारी की मां को हिरासत में लेने का निर्देश दिया था।
अरमान की मां को हिरासत में लेने का टास्क विवि ओपी के थाना प्रभारी सुजीत उरांव को दिया गया था, पर वह अबतक पुलिस गिरफ्त से दूर है।
माना जा रहा है कि इसी लापरवाही (Negligence) के कारण थाना प्रभारी सुजीत उरांव पर हटना पड़ा। बता दें कि जिले में पिछले कुछ दिनों में कई घटनाएं हो चुकी हैं।
विशेषकर लड़कियों पर ज्यादा अत्याचार (Atrocities) हो रहे हैं। लेकिन पुलिस सख्त कार्रवाई (Strict Action) करने की जगह आराम से बैठी है।