झारखंड

झारखंड : एक ओर सरकार बांट रही तोहफों की रेवड़ियां, दूसरी ओर पारा शिक्षक मानदेय के लिए तरस रहे!

जमशेदपुर: एक ओर झारखंड सरकार कर्मचारियों को पेंशन योजना (Pension scheme) समेत विभिन्न तरह के लाभ दे रही है।वहीं, दूसरी ओर हजारों कर्मचारी मानदेय नहीं मिलने से परेशानी भरी जिंदगी गुजार रहे हैं।

लेकिन सरकार है कि इस ओर ध्यान देने को ही तैयार नहीं हो रही है। झारखंड में 65 हजार पारा शिक्षक (Para Teacher) ऐसे हैं, जिन्हें पिछले दो महीने उनका मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा है।

इससे इनकी आर्थिक और पारिवारिक स्थिति (Financial and family status) बिगड़ती जा रही है। लेकिन सरकार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है और केवल अपनी कुर्सी के लिए इधर से उधर भागती फिर रही है।

झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षक संघ व सामुदायिक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिनोद बिहारी महतो, विनोद तिवारी, महासचिव नरोत्तम सिंह मुंडा, दिलीप पांडेय, महासचिव विकास कुमार ने कहा है कि जब नियमावली बनी थी, उस समय 15 से 30 दिनों के अंदर शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापित करा लिए जाने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण Certificate का सत्यापन नहीं हो पाया।

तीन बार शिक्षकों ने बैंक ड्राफ्ट व सर्टिफिकेट सौंपा

उन्होंने बताया कि पारा शिक्षकों ने सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन (Certificate verification) के लिए तीन बार बैंक ड्राफ्ट और सर्टिफिकेट विभाग को दिया है, लेकिन जांच पूरी नहीं हो सकी।

अब पारा शिक्षक पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं, एकीकृत अध्यापक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने कहा शैक्षणिक प्रमाण पत्रों (Academic certificates) की जांच के नाम पर सहायक अध्यापकों का मानदेय रोकना अन्यायपूर्ण है।

तीन बार शिक्षकों ने बैंक ड्राफ्ट व सर्टिफिकेट सौंपा

जांच होने तक मानदेय भुगतान पर लगा दी थी रोक

बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव ने एक पत्र जारी करते हुए सभी सहायक अध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच होने तक मानदेय भुगतान पर रोक लगा दी है।

उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव का मानदेय रोकने संबंधी पत्र एक तुगलकी फरमान है और मोर्चा इसका कड़ा विरोध करता है। सहायक अध्यापक नियमावली 2022 को लागू हुए 8 महीने गुजर चुके हैं।

इतने समय में अगर सहायक अध्यापकों (Assistant teachers) के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी नहीं हुई है तो इसके लिए पूरी तरह से विभाग जिम्मेदार है न कि सहायक अध्यापक।

सहायक अध्यापकों ने विभाग के निर्देशानुसार पहले ही जांच हेतु Demand draft की राशि जमा कर दी है। बावजूद जांच पूरी नहीं हुई है तो वभाग की लापरवाही है।

तीन दिन का दिया समय इसके बाद राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

उन्होंने शिक्षा सचिव (Education secretary) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तीन दिनों के अंदर अगर सहायक अध्यापकों का मानदेय भुगतान नहीं किया जाता है तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

उन्होंने अलग-अलग सहायक अध्यापक संगठनों से भी अपील की है कि सभी एक हो मानदेय के विषय पर सरकार को लिखित अल्टीमेटम (written ultimatum) देते हुए आंदोलन की चेतावनी दें।

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