रांची: झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (JSPCB) और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (CEED) ने बुधवार को रांची में राज्यस्तरीय कांफ्रेंस का आयोजन किया। इसका विषय कार्बन बजटिंग एंड न्यूट्रैलिटी इन झारखंड, वे-फॉरवर्ड फॉर इंडस्ट्रीज था।
इस कांफ्रेंस का उद्देश्य झारखंड के उद्योग एवं व्यापार जगत से संबंधित कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) की वर्तमान स्थिति और कार्बन न्यूट्रैलिटी (कार्बन तटस्थता) के रोडमैप पर विचार-विमर्श करना था, ताकि शून्य कार्बन उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
जेएसपीसीबी (JSPCB) के अध्यक्ष और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एके रस्तोगी ने कहा कि केंद्र सरकार के तय वर्ष 2070 में नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सस्टनेबल ट्रांजिशन आवश्यक है।
इस दिशा में उद्योग-व्यापार जगत की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन एवं सामाजिक विकास में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ली गयी पहल वाकई सराहनीय
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन (झारखंड सरकार) के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एल खियांगते ने कहा कि राज्य में समावेशी विकास के लिए जरूरी है कि हम संसाधन कुशल, सततशील तथा न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था (Economy) की ओर आगे बढें।
जलवायु परिवर्तन (Climate change) के लक्ष्यों के साथ आर्थिक विकास के लक्ष्यों को इस प्रकार समायोजित करने की जरूरत है कि हम विकास की आवश्यकताओं, डीकार्बनाइजेशन प्रक्रिया और शून्य कार्बन उत्सर्जन के पारस्परिक संबंधों से जुड़े समाधान पर अमल करें।
सीड के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि नेट जीरो टारगेट में इंडस्ट्रीज और बिज़नेस सेक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने और भावी रोडमैप तैयार करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ली गयी यह पहल वाकई सराहनीय है।
सस्टनेबल ट्रांजिशन (Sustainable Transition) पर प्रतिबद्धता उद्योग जगत तथा निवेशकों को भविष्योन्मुखी अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी नीति-निर्धारण के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे जलवायु संकट के आर्थिक खतरों को कम करने तथा भावी संभावनाओं का दोहन करने में मदद मिलेगी।